गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन भी हो सकता है
Sumedha Matkar elaborated, “The show has stood out principally due to the performances and chemistry but this dialogue made each individual woman relate into the dialogue and was an inspiration to numerous.”
सोने का एक समय तय करें: अपने सोने और उठने का समय तय करें ताकि शरीर को नियमित नींद मिले।
स्लीप शेड्यूल बनाएं: हर दिन एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं और सुबह एक ही समय पर जागें, वीकेंड पर भी ऐसा ही करें। इस प्रकार आपको अच्छी और गहरी नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है और आपको बुरे सपने नहीं आते।
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मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक रात को डरावने सपने आने से लोग डर, चिंता, बेचैनी या अनसेफ महसूस करते है. कई बार ये सपने इतने विचलित करने वाले हो सकते हैं कि अक्सर नींद टूट जाती है और वापस सोना मुश्किल हो जाता है. कभी-कभार आने वाले ऐसे सपने सामान्य माने जाते हैं, लेकिन जब वे check here बार-बार आने लगें और दिनचर्या पर असर डालने लगें, तब उन्हें नाइटमेयर डिसऑर्डर कहा जाता है.
ऐसे सपनों से अक्सर नींद टूट जाती है, मन बेचैन हो जाता है और थकावट बनी रहती है। इसलिए मानसिक शांति बहुत जरूरी है।
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अगर नहीं तो बता दें, स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर सपने का अपना अलग मतलब होता है.
The exhibit has focused on marriage relationships, family dysfunction, and the thought of Women of all ages's empowerment. The clearly show's plot is relatable, and its viewership is steadily escalating.
इंसानी दिमाग पर हुए स्टडीज में इस समस्या को लेकर कई बाते सामने आई हैं, जो बुरे व डरावने सपनों का कारण बनती हैं.
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